जीएसटी मोबदला आणि कर परताव्याची रक्कम लवकरात लवकर मिळाल्यास राज्यातील विकास कामांना वेग – मुख्यमंत्र्यांची केंद्रीय अर्थमंत्र्यांना विनंती

मुंबई, दि. 11 : वस्तू व सेवा कर (जीएसटी) मोबदला आणि कर परताव्याची रक्कम राज्याला लवकरात लवकर मिळावी, अशी विनंती मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांनी केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सितारामन यांना पत्रान्वये केली आहे. केंद्र सरकारकडून राज्य शासनाला 15 हजार 558 कोटी 5 लाख रुपये कर परताव्यापोटी येणे बाकी असून हा परतावा कमी झाल्यामुळे राज्यातील विकास कामांवर परिणाम होत आहे, असेही या पत्रात म्हटले आहे.

मुख्यमंत्री आपल्या पत्रात म्हणतात की, 2019-20 च्या केंद्रीय अर्थसंकल्पात महाराष्ट्राला केंद्र सरकारकडून मिळणारा कर परतावा 46 हजार 630 कोटी 66 लाख एवढा होता. जो की 2018-19 च्या 41 हजार 952 कोटी 65 लाख या परताव्याच्या 11.15 टक्के जास्त होता. मात्र ऑक्टोबर 2019 पर्यंत राज्याला 20 हजार 254 कोटी 92 लाख इतकीच रक्कम मिळाली. एकंदर 6 हजार 946 कोटी 29 लाख म्हणजेच 25.53 टक्के रक्कम कमी मिळाली. अशा रितीने वाढीव अर्थसंकल्पीय रक्कमेपेक्षा कमी रक्कम राज्याला प्राप्त झाली. दुसऱ्या तिमाहीत एकूणच अर्थव्यवस्थेतील मंदी लक्षात घेता पुढील काळात देखील कर परतावा कमी मिळेल असे वाटते, असेही मुख्यमंत्री पत्रात लिहितात.

अर्थव्यवस्थेतील मंदीमुळे 14 टक्के जीएसटी संकलनाच्या उद्दिष्टापेक्षा कमी कर संकलन झाले आहे. चालू आर्थिक वर्षात पहिल्या चार महिन्यात राज्याला 5 हजार 635 कोटी रुपये इतका जीएसटी मोबदला मिळाला. मात्र नोव्हेंबर 2019 मध्ये अद्यापही 8 हजार 611 कोटी 76 लाख इतकी रक्कम जीएसटी मोबदल्यापायी मिळणे बाकी आहे.

एकात्मिक वस्तू व सेवा कर प्रणाली 2017-18 मध्ये निश्चित करण्यात आली. त्यावेळी त्याचा आधार वित्त आयोगाचे कर परतावा सूत्र होते. मार्च 2018 या वर्षाअखेर 2019 च्या कॅग अहवाल क्र.11 नुसार एकात्मिक वस्तू व सेवा कराची समायोजित रक्कम अनेक व्यवहारांसाठी झालेली नाही असे आढळले. यामुळे या कराची मोठी रक्कम केंद्राकडून येणे बाकी आहे. ही रक्कम लवकरात लवकर मिळावी जेणेकरुन राज्यातील विकास कामांना वेग देता येईल, असेही मुख्यमंत्र्यांनी पत्रात म्हटले आहे.

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वस्तू एवं सेवा टैक्स रिफंड के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय अर्थमंत्री से की विनती

जीएसटी का राज्य का लाभ और टैक्स रिफंड रकम जल्द से जल्द मिलने पर राज्य के विकास कामों को मिलेगी गति

मुंबई : वस्तू एवं सेवा टैक्स (जीएसटी) का लाभ और टैक्स रिफंड की रकम जल्द से जल्द मिलें, ऐसी विनती मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सितारामन से पत्र के द्वारा की है. केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को 15 हजार 558 करोड़ 5 लाख रुपये टैक्स रिफंड के रूप मिलने बाकी है. यह रिफंड कम होने के कारण राज्य के विकास कामों पर परिणाम हो रहा है, ऐसा भी इस पत्र में कहा गया है.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि, 2019-20 के केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र को केंद्र सरकार की ओर से मिलनेवाला टैक्स रिफंड 46 हजार  630 करोड़  66 लाख था. जो कि  2018-19 के  41 हजार  952 करोड़ 65 लाख इस रिफंड के 11.15 फीसदी अधिक था. लेकिन अक्टूबर 2019 तक राज्य को 20 हजार 254 करोड़ 92 लाख इतनीही रकम मिली है. लगभग 6 हजार 946 करोड़ 29 लाख यानी 25.53 फीसदी रकम कम मिली है. आर्थिक बजट में तय रकम से कम रकम राज्य को मिली है. दूसरी तिमाही में कुल अर्थव्यवस्था में मंदी को ध्यान में लेते हुए आगामी समय मे यह टैक्स रिफंड कम मिलेगा ऐसा लग रहा है, ऐसा मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है.

अर्थव्यवस्था में आई मंदी के कारण 14 फीसदी जीएसटी संकलन के उद्दिष्ट से कम टैक्स संकलन हुआ है. शुरू आर्थिक वर्ष में पहले चार महीने में राज्य को 5 हजार 635 करोड़ रुपये इतना जीएसटी लाभ मिला है. लेकिन नवंबर 2019 में अभी भी 8 हजार 611 करोड़ 76 लाख रकम जीएसटी रिफंड के रूप में मिलने बाकी है.

एकात्मिक वस्तू एवं सेवा टैक्स प्रणाली  2017-18 में निश्चित की गई है. उस समय उसका आधार आधार वित्त आयोग का टैक्स रिफंड सूत्र था. मार्च 2018 वर्ष के अंत मे आए 2019 की कॅग रिपोर्ट नं.11 के अनुसार एकात्मिक वस्तू एवं सेवा टैक्स की समायोजित रकम कई व्यवहारों के लिए उपयोग में नहीं आई है. इसलिए इस टैक्स की बड़ी रकम केंद्र की ओर से मिलना शेष है. यह रकम जल्द से जल्द राज्य को मिले ताकि राज्य के विकासकामों को गति दी जा सकेगी, ऐसा मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है.

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Release ‘Legitimate Dues’

CM Uddhav Thackeray to Union Govt

Mumbai,Dec.11th: Chief Minister Shri Uddhav Thackeray in a letter to Union Finance Minister Smt. Nirmala Sitaraman has requested to release its ‘Legitimate dues’ of Rs. 15,558 crore to Maharashtra expeditiously. The Chief Minister expressed his concern about reduction in GST compensation and its effect on developmental works in the State.

As per the Union Budget 2019-20, the tax devolution to Maharashtra is Rs. 46,630 Cr. which is 11.15 per cent more than Rs. 41,952 Cr. received by the State during 2018-19. But, the State has received an amount of Rs. 20,254 Cr. only till the month of October 2019, which is less by Rs. 6,946 Cr. (-25.53%) as compared to Budget estimate for the year 2019-20. So instead of receiving an enhanced amount the State has received less than the budgeted amount. With further slowdown of the economy during the second quarter, it is likely that there will be a further reduction in tax devolution, Shri Thackeray said in the letter.

He further informed that because of the slowdown in the economy, there is a shortfall in GST collections compared to the benchmark growth of 14 per cent. During the current financial year, the State received Rs. 5,635 Cr. as GST compensation for the first four months only. However, an amount of Rs. 8,611 Cr. is due as GST compensation up to November 2019.

The GST settlement was done during 2017-18 based on the tax devolution formula of the Finance Commission, instead of the formula adopted for the IGST settlement. As per CAG Report No.11 of 2019, for the year ended March 2018, it is noticed that IGST settlement for many transactions is not happening. This is partly responsible for accumulation of huge unsettle balance under IGST. This has resulted in a shortfall of IGST settlement due to the State, Shri Thackeray elaborated to the Centre.

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